अगर आपने फिल्म ‘चाइना गेट’ देखी है तो आपको उस फिल्म का खूंखार विलेन जगीरा जरूर याद होगा। जगीरा को स्क्रीन पर देख दर्शक भी थरथरा उठते थे। इस किरदार को एक्टर मुकेश तिवारी ने निभाया था। बहुत ही कम एक्टर होते हैं जो पहली ही फिल्म में साइड रोल में अपनी छाप छोड़ जाएं। और मुकेश तिवारी उन्हीं में से एक एक्टर रहे हैं। मुकेश तिवारी ने ‘चाइना गेट’ से एक्टिंग में डेब्यू किया और इसमें निभाए जगीरा के किरदार से छा गए थे। बाद में मुकेश तिवारी ने ‘वसूली भाई’ बनकर खूब पॉपुलैरिटी बटोरी। रोहित शेट्टी की ‘गोलमाल’ में निभाए वसूली भाई के किरदार ने मुकेश तिवारी को घर-घर मशहूर कर दिया। लेकिन कभी मुकेश तिवारी के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वह एक्टर बनने के लिए मुंबई आ सकें। आज वह न सिर्फ खूब नाम और पैसे कमा रहे हैं, बल्कि जरूरतमंद बच्चों की पढ़ाई का खर्च भी उठा रहे हैं।

Mukesh Tiwari - IMDb
नवभारत टाइम्स ऑनलाइन की ‘मंडे मोटिवेशन’ सीरीज में हम आपको मुकेश तिवारी के इसी संघर्ष और नेक काम के बारे में बता रहे हैं। बहुत ही कम लोग होते हैं और संपन्न होने के बावजूद दूसरों की मदद का भार उठाते हैं। मुकेश तिवारी ने खुद अपनी जिंदगी में बहुत स्ट्रगल किया। परिवार में भी दिक्कतें देखीं। यही वजह रही है कि वह बॉलीवुड का हिस्सा बनने के बाद भी अपनी जड़ों को नहीं भूले। वह आज भी लोगों की मदद करते हैं, जो वाकई इंस्पायरिंग है। मुकेश तिवारी ने जिस तरह से फिल्मी दुनिया में शुरुआत की थी। जिस घटना ने उनके अंदर एक्टर बनने का बीज बोया, वह भी बहुत इंस्पायरिंग है।

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मुकेश तिवारी, फोटो: epicture.timesgroup.com/agencies

साधारण परिवार में जन्मे, क्रिकेटर रहे मुकेश तिवारी
मुकेश तिवारी का जन्म मध्य प्रदेश के सागर में बेहद साधारण परिवार में हुआ। परिवार में किसी का भी दूर-दूर तक एक्टिंग से कोई नाता नहीं था। पिता की बचपन में ही मौत हो गई थी, जिसके बाद मां ने उन्हें अकेले पाला और परिवार को भी संभाला। मां चाहती थी कि मुकेश तिवारी जल्दी से पढ़-लिखकर कोई नौकरी करे और घर की जिम्मेदारी संभाल ले। मुकेश तिवारी भी अपनी पढ़ाई-लिखाई में लगे थे। कॉलेज में थे तो उन्हें क्रिकेट का चस्का लग गया। कॉलेज के दिनों में मुकेश तिवारी ने अंडर-12, अंडर-15 और अंडर-19 में क्रिकेट खेला।

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चाइना गेट में जगीरा बने थे मुकेश तिवारी

कॉलेज के दिनों का एक नाटक और बदल गई जिंदगी
लेकिन एक बार जब दोस्त के साथ एक नाटक देख लिया तो उनकी जिंदगी और करियर की दिशा ही बदल गई। मुकेश तिवारी कभी क्रिकेटर बनने का सपना देख रहे थे। लेकिन जब दोस्त के साथ छुपकर एक नाटक देखा तो उन्होंने फैसला कर लिया कि वह अब इसी फील्ड में कुछ करेंगे। किसी भी तरह वो एक दिन हीरो जरूर बनेंगे। लेकिन मुकेश तिवारी के घरवाले उन्हें समझाते कि एक्टिंग में कुछ नहीं रखा है। जाओ जाकर कुछ नौकरी करो। पर मुकेश तिवारी पर तो हीरो बनने और एक्टिंग करने की धुन सवार थी। इसी जुनून के चलते मुकेश तिवारी एक ऑर्केस्ट्रा ग्रुप से जुड़ गए। मुकेश तिवारी ऑर्केस्ट्रा ग्रुप के साथ जगह-जगह जाते और छोटे-मोटे शोज करते।

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मुकेश तिवारी, फोटो: epicture.timesgroup.com/agencies

जब एक शो के बाद हुए शर्मिंदा, परिवार ने दी हिम्मत
मुकेश तिवारी ने एक बार अपने ऐसे ही एक छोटे शो में परिवार को बुलाने का फैसला किया। उन्हें उम्मीद थी कि उनके शो में भारी भीड़ जुटेगी। खूब लोग उनका नाटक देखने आएंगे। लेकिन सिर्फ 14 लोग ही पहुंचे। मुकेश तिवारी ने इस बारे में एक इंटरव्यू में बताया था कि शो देखने सिर्फ 14-18 लोग ही आए, जिनमें से आधे लोग उनके परिवार के थे और कुछ आस-पड़ोस के। मुकेश तिवारी बहुत शर्मिंदा हुए। उन्हें लगा कि अब तो घरवालों को उन्हें सुनाने और ताना मारने का मौका मिल गया है।


एनएसडी से हुए रिजेक्ट, नहीं हारी हिम्मत

मुकेश तिवारी की हिम्मत नहीं हो रही थी कि वह घर कैसे जाएं। जैसे-तैसे वह छुपकर घर पहुंचे तो कोने में अंधेरे में मां बैठी थीं। उन्होंने मुकेश तिवारी की तारीफ की। भाई ने भी मुकेश तिवारी को हिम्मत दी। लेकिन साथ ही सलाह दी कि अगर हीरो बनना है तो ट्रेनिंग लेकर फिल्मों में जाए, ऐसे ही ना चला जाए। तब मुकेश तिवारी ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एडमिशन के लिए फॉर्म भरा। लेकिन उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया। मुकेश तिवारी को इसलिए रिजेक्ट किया गया था क्योंकि उन्हें ‘इम्प्रोवाइजेशन’ शब्द का मतलब नहीं पता था। मुकेश तिवारी वापस अपने गांव सागर लौट आए। उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और दोबारा एनएसडी का फॉर्म भरा। फॉर्म भरने से पहले उन्होंने लाइब्रेरी में फिल्मों और एक्टिंग की दुनिया से जुड़ी कई किताबें पढ़ीं। मुकेश तिवारी का एनएसडी में सिलेक्शन हो गया और वह थिएटर की दुनिया से जुड़ गए।

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बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठा रहे मुकेश तिवारी

इसी थिएटर की दुनिया से मुकेश तिवारी की फिल्मों में एंट्री हुई। एक्टर नसीरुद्दीन शाह ने मुकेश तिवारी को एक नाटक में देखा था और मुंबई से उन्हें फिल्म ‘चाइना गेट’ के लिए फोन किया। मुकेश तिवारी को ‘चाइना गेट’ में खूंखार जगीरा के रोल के लिए साइन कर लिया गया। यहीं से मुकेश तिवारी की किस्मत पलट गई और उन्होंने ढेरों फिल्में कीं। मुकेश तिवारी का फिल्मी सफर अभी भी जारी है। बता दें कि मुकेश तिवारी को जब मुंबई से फिल्म के लिए फोन आया तो उनके पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वह ट्रेन पकड़कर मुंबई जा सकें। इसका खुलासा मुकेश तिवारी ने खुद एक इंटरव्यू में बताया था। मुकेश तिवारी ने तब गांववालों से कुछ पैसे उधार लिए और मुंबई गए। फिल्मों के अलावा मुकेश तिवारी नेक काम भी कर रहे हैं। मुकेश तिवारी जिस बिल्डिंग में रहते हैं, वहां के दो बच्चों की स्कूल की फीस का खर्चा उन्होंने उठाया है। इसके अलावा मुकेश तिवारी ने अपने गांव के भी कुछ बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा भी उठाया हुआ है, जो सराहनीय है।

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