सबसे पहले मैं एक बात क्लियर कर दूं। मेरा मतलब आपके बचपन को बर्बाद करना कतई नहीं है, लेकिन मैं इस जानकारी को अकेले नहीं संभाल सकता। अगर मैंने अपने बचपन में वो सब देखा, तो यकीनन आपने भी देखा होगा। इसलिए इस मामले का रियलिटी चैक करना बेहद आवश्यक है।

हम बॉलीवुड को देखते हुए बड़े हुए हैं। मुझे कई बार ऐसा लगता है कि बॉलीवुड ने ही तकनीकी रूप से हमारे जीवन को नियंत्रित किया है। ‘इट्स द टाइम टू डिस्को’ पर शाहरुख के साथ डांस करना हो या मुन्ना भाई और सर्किट के बीच की दोस्ती को याद करना, बॉलीवुड फिल्में और हमारा बचपन बहुत ज्यादा जुड़ा हुआ था।

Bollywood Scenes From Our Childhood That Were Sexually Loaded

लेकिन इन बॉलीवुड फिल्मों में कई ऐसे मूमेंट्स होते थे, जो सेक्‍’स से भरे हुए थे। इन्हें नोटिस करने के लिए हम बहुत छोटे थे और हमारे माता-पिता इसे समझाने की परवाह नहीं करते थे। आप हम आपको हमारे बचपन की बॉलीवुड फिल्मों के उन 11 सीन के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें वास्तव में समझना एक छोटे बच्चे के लिए बड़ा आसान काम है।

‘से’क्स से भरे हुए थे’ हमारे बचपन की इन 11 फिल्मों के ये सीन (11 Bollywood Scenes From Our Childhood That Were S”exually Loaded)

1. ‘कल हो ना हो’ में कांताबेन वाला सीन (The Kantaben moments in Kal Ho Na Ho)

कांताबेन हर बार जब अमन और रोहित को एक साथ देखती थी, तो उस सीन को याद कीजिए। क्या वाकई में ये समझना किसी के लिए मुश्किल काम है कि कांताबेन के मन में क्या चल रहा है। उसका हर एक एक्सप्रेशन ये अच्छे से बता देता है।

2. ‘मुझसे शादी करोगी’ का समीर और रमा का सीन (Sameer and Rama scene from Mujhse Shaadi Karogi)

इस समय तक, हम जान गए थे कि समीर की मां ने असल में रानी की मां को रानी समझ लिया था। तो हमें पता चलता है कि समीर को देखकर रमा इतनी डर क्यों जाती है। लेकिन इस सीन में वे जिन डायलॉग्स का इस्तेमाल करते हैं, वे बहुत चुभते हैं और सच कहूं तो वे इतने से’क्सुअली लोडेड हैं, कि 2004 में तो बच्चों के लिए वे बाउंसर की तरह थे।

3. ‘ओम शांति ओम’ में बाघ के साथ शाहरुख खान की लड़ाई (Shah Rukh Khan’s battle with the stuffed tiger in Om Shanti Om)

मैंने ईमानदारी से सोचा था कि शाहरुख इस क्रम में बस ऐसे ही बेतरतीब ढंग से बकवास बातें बोल रहे थे, जब तक कि मैंने ये वीडियो नहीं देखा। और अब इस सीन को लेकर मेरी सोच हमेशा के लिए बदल गई है।

4. ‘गोलमाल रिटर्न्स’ में वो पल जब करीना कपूर ऑफिस में अजय देवगन से बातें करती है (That moment in Golmaal Returns when Kareena Kapoor eavesdrops on Ajay Devgn in his office)

हालांकि ‘गोलमाल रिटर्न्स’ पहले से ही ‘गोलमाल’ सीरीज़ में मेरी सबसे पसंदीदा फिल्म थी, लेकिन इस सीन को समझने से अब फिल्म पहले से कहीं ज्यादा मुश्किल हो गई है।

5. माधुरी दीक्षित और संजय कपूर का फिल्म ‘राजा’ में “कम ऑन राजा” सीन (Madhuri Dixit & Sanjay Kapoor “C’mon Raja!” sequence in Raja)

इसे एक बार देखने के बाद मैं एक बात तो पक्के से कह सकता हूं कि आप इस सीन को सबसके सामने शायद फिर कभी नहीं देखना चाहेंगे? मुझे आश्चर्य है कि क्या यह एक जानबूझकर डाला गया विकल्प था या उन्हें वास्तव में इसका एहसास नहीं था। जो भी हो, ये था बड़ा खतरनाक।

6. रानी मुखर्जी की ‘अय्या’ का ‘ड्रीमम वेकुप्पम क्रिटिकल कंडिशनम’ गाना (The ‘Dreamum Wakeuppam Critical Conditionum‘ song from Rani Mukerji’s Aiyyaa)

आपको आश्चर्य होगा कि पूरा गाना बनाने से पहले सीन का एक भयानक सा वर्णन किया गया था। यह मज़ेदार है कि जिस गीत को आप एक बार गुनगुनाते हैं, जब आप समझने लगते हैं कि इसका वास्तव में क्या मतलब है, तो आप उसे दोबारा कभी अपनी जुबान पर भी नहीं लाना चाहेंगे। बॉलीवुड हमें इस तरह के दोहरे अर्थ वाले गाने लगातार दे रहा है।

7. ‘मकसद’ में श्रीदेवी और राजेश खन्ना के बीच की ये बातचीत (This conversation between Sridevi & Rajesh Khanna from Maqsad)

मैंने कभी ऐसा कुछ नहीं सुना। इससे भी चौंकाने वाली बात यह है कि श्रीदेवी और राजेश खन्ना को दोहरे अर्थ से भरी पहेलियों के खेल के दौरान मासूमियत और भ्रम की भावना बनाए रखनी थी। मुझे आश्चर्य है कि कैसे ‘संस्कारी’ सेंसर बोर्ड ने इसे हरी झंडी दे दी। वह भी 1984 में।

8. ‘जब वी मेट’ में होटल वाला सीन (The Hotel Decent in Jab We Met was anything but decent)

आपको याद होगा कि आपने बचपन में जब इस सीन को देखा था, तो आप मुस्कुराते हुए शाहिद कपूर और होटल डिसेंट एक्सचेंज की रिसेप्शनिस्ट की बातें सुनकर कुछ समझ नहीं पाए होंगे। लेकिन वास्तव में यहां बहुत कुछ गड़बड़ चल रहा था, जिसे आप ए’डल्ट होकर ही समझ सकते हैं।

9. ‘मैंने प्यार क्यूं किया’ में राजपाल यादव (Rajpal Yadav in Maine Pyaar Kyun Kiya)

जबकि यह बहुत स्पष्ट था कि राजपाल यादव का सुष्मिता सेन पर भारी क्रश था, लेकिन उनके द्वारा किए गए कुछ संवाद और हावभाव इतने मासूम नहीं थे।

10. ‘कुछ कुछ होता है’ में मिस्टर मल्होत्रा ​​और मिस ब्रिगेंज़ा (Mr. Malhotra and Miss Braganza in Kuch Kuch Hota Hai)

‘कुछ कुछ होता है’ में मिस्टर मल्होत्रा ​​और मिस ब्रिगेंज़ा के सीन से’क्शुअल टेंशन से भरे हुए थे, जिसे हमारा बचपन का दिमाग नहीं समझ सकता था। हमारे लिए, वे सिर्फ दो विचित्र पात्र थे, जो ‘दोस्तों से ज्यादा’ थे।

11. ‘मस्ती’ फिल्म के अधिकतर सीन (The not-at-all subtle scenes from Masti)

हालांकि इस फिल्म के बाद के पार्ट पहले से ज्यादा गड़बड़ थे, लेकिन असल खेल इस फिल्म से शुरू हुआ। मुझे नहीं पता कि उस समय आप में से कितने लोगों ने इसे देखा था, लेकिन मुझे याद है कि यह फिल्म टेलीविजन पर बहुत बार टेलीकास्ट हुई थी। इसके अलावा, उस समय फिल्म के गाने बहुत लोकप्रिय थे। बचपन में ‘मस्ती’ देखने वालों, इसमें तो समझने के लिए सब कुछ आसान था।

Advertisement