पाकिस्तान का एक खब्बू बल्लेबाज.

जो अपने प्रदर्शन ही नहीं बल्कि अपनी हरकतों की वजह से भी चर्चा में रहा. धाकड़ बल्लेबाजी और गुस्सैल मिजाज़ वाले इस क्रिकेटर का नाम है वसीम रजा. वसीम रजा 3 जुलाई 1952 को मुल्‍तान में पैदा हुए थे.

वसीम राजा ने वेस्‍टइंडीज के खिलाफ 11 टेस्‍ट मैच खेले, जिनमें उन्‍होंने 57 की औसत से रन बनाए. इनमें साल 1976-77 में वेस्‍टइंडीज के खिलाफ खेले गए पांच टेस्‍ट में 517 रन बनाने का बेहतरीन कारनामा भी दर्ज था.

इस टेस्‍ट सीरीज में उनके बल्‍ले से 14 छक्‍के भी निकले. उन्‍होंने गेंद से भी कमाल दिखाते हुए 51 विकेट हासिल किए जिनमें से 33 शिकार पाकिस्‍तान से बाहर की जमीन पर किए.

मार्च 1975 में वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू सीरीज में अपने पहले टेस्ट शतक और इसके बाद इंग्लैंड में वर्ल्ड कप (जून 1975) के दौरान विंडीज के खिलाफ लगभग जीत पक्की करने वाली अर्धशतकीय पारी (हालांकि पाक वह मैच 1 विकेट से हार गया था) की बदौलत वसीम राजा के प्रशंसकों में खासा इजाफा हुआ था. लेकिन इस दौरान एक शरारत ने उनकी छवि को काफी नुकसान पहुंचाया.Cricketer Wasim Raza Controversy: इस क्रिकेटर ने मैदान पर किए थे गंदे इशारे
वसीम राजा ने जिस कराची टेस्ट में अपने करियर का पहला शतक जमाया था, उसी टेस्ट में उनकी हरकत देख हर कोई हैरान रह गया था. दरअसल, तब उन्होंने नेशनल स्टेडियम की बाउंड्री लाइन पर फील्डिंग करते हुए दर्शकों की ओर अभ’द्र इशारे किए थे. पाकिस्तानी मीडिया (डॉन) के मुताबिक वसीम राजा ने दर्शकों की तरफ मुड़कर अपने ट्राउ’जर की जि’प खो’लने जैसी हरकत करने लगे थे.

किसी को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर वसीम राजा ने मैदान पर ऐसी शरारत क्यों की… लेकिन तब उर्दू प्रेस ने यह दावा करते हुए प्रतिक्रिया जताई थी कि वसीम राजा उस वक्त न,शे में थे. उस मैच में सेंचुरी बनाने के बावजूद राजा के लिए वह टेस्ट अच्छा नहीं रहा. और तो और विंडीज के कप्तान क्लाइव लॉयड के पुल शॉट पर उनके दाएं पैर में फ्रैक्चर हो गया.

1976 के अंत में न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में एक टेस्ट के बाद ही वसीम राजा को अनुशासनहीन बल्लेबाजी के कारण टीम से बाहर कर दिया गया. लेकिन ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के जुड़वां दौरे के लिए मुश्ताक मोहम्मद के नेतृत्व में चुने गए 17 सदस्यीय स्क्वॉड में जगह बनाने में वह कामयाब रहे.
Page 4 - 5 cricketers who showed effects of drunkenness on the cricket field
वसीम राजा को ऑस्ट्रेलियाई दौरे के दौरान पहले दो टेस्ट की प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं मिली. सिडनी में खेले जाने वाले तीसरे टेस्ट के लिए उनका चुना जाना तय माना जा रहा था. लेकिन राजा को टीम मैनजर सुजाहुद्दीन ने कहा कि कप्तान मुश्ताक और उपकप्तान आसिफ इकबाल ने हारून रशीद खिलाने का फैसला किया है.

उस रात वसीम राजा ने होटल कमरे में जमकर शरा’ब पी. गु’स्से में कमरे के शी’शे तो’ड़े. होटल की लॉबी में हंगामा किया. टीम मैनेजर को गालियां दीं और करियर ब’र्बा’द करने की कोशिश का आरोप लगाया. तभी होटल बार में सॉफ्ट ड्रिंक का आनंद उठा रहे मुदस्सर नजर, सलीम अल्ताफ, सरफराज नवाज और जहीर अब्बास ने राजा को श’रा’ब के न’शे में चू’र पाया और कप्तान तक बात पहुंचाई.

पाकिस्तानी प्रेस ने इस घटना की सूचना बोर्ड को दी. राजा को वापस घर भेजने को कहा गया. लेकिन कप्तान मुश्ताक ने ऐसा करने से मना कर दिया. राजा ने इसके बाद वेस्टइंडीज दौरे में सभी टेस्ट खेले और 5 टेस्ट मैचों में 500 से अधिक रन बनाए.
वेस्टइंडीज के मशहूर क्रिकेट विशेषज्ञ और कमेंटेटर टोनी कोजियर ने इस पाकिस्तान क्रिकेटर के लिए लिखा कि राजा ने वेस्टइंडीज में अपने ढेरों प्रशंसक बना लिये थे, जिन्हें राजा की निडर बल्लेबाजी पसंद आई थी.

एक पूर्व पाकिस्तानी तेज गेंदबाज ने अपने लेख में दावा किया कि उस दौरे में राजा एक टेस्ट के दौरान कैसे ड्रेसिंग रूम से निकल गए और वेस्टइंडीज के अपने प्रशंसकों के झुंड से जा मिले थे. उनके साथ गां’जा (मारि’जुआ’ना) पी. वह विकेट गिर जाने के बाद वापस आए और मैदान में उतरते ही तेज गेंदबाज जोएल गार्नर को पहली ही गेंद पर लॉन्ग ऑफ के ऊपर से छक्का मारा.

1979-80 में पाकिस्तान ने भारत का दौरा किया था. 6 मैचों की टेस्ट सीरीज में उसे भारत ने 2-0 से मात दी थी. उस सीरीज में वसीम राजा भी थे, जिन्होंने पाकिस्तान की ओर से सर्वाधिक रन (450) बनाए थे. मजे की बात है कि उस दौरे में भी राजा पर श,रा,ब पीकर बल्लेबाजी करने का आरोप लगा था.

तब उस दौरे पर पाकिस्तान टीम प्रबंधन के एक सदस्य ने कहा था कि अगर वास्तव में राजा बल्लेबाजी करते समय न,शे में थे, तो सभी बल्लेबाजों को नशे में बल्लेबाजी करनी चाहिए. क्योंकि राजा ने दौरे के 6 टेस्ट मैचों में सर्वाधिक 56.25 की औसत से बल्लेबाजी की थी.
वसीम राजा 1980 के दशक के अंत में इंग्लैंड में चले गए और वहीं बस गए. वह थोड़े समय के लिए पाकिस्तान क्रिकेट कोच भी रहे. इंग्लैंड में ही 2006 में एक मैच खेलते समय उन्हें दिल का दौरा पड़ा और 54 साल की उम्र में उनका निधन हो गया.

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