अभिनेता फिरोज खान(Feroz Khan) को बॉलीवुड के सबसे स्टाइलिश अभिनेता के तौर पर जाना जाता था।

वो फिरोज खान ही थे जिन्होने इंडस्ट्री में कॉउबॉय स्टाइल को पॉपुलेरिटी दिलवाई थी। उस दौर में फिरोज़ खान स्टाइल आइकॉन बनकर छाए थे।  लंबी चौड़ी कद काठी, दमदार आवाज और अपने संजीदा अभिनय की बदौलत फिरोज खान ने फिल्म इंडस्ट्री में अलग पहचान हासिल की थी।

इसके साथ ही फिरोज खान अपने बेखौफ अंदाज़ और बेबाकी के लिए भी जाने जाते थे। आज फिरोज़ खान की पुण्यतिथी है। आज ही के दिन 25 सितंबर को फिरोज खान का जन्म हुआ था। 25 सितंबर 1939 को फिरोज खान का जन्म बेंगलुरू में हुआ था।  उनका असल नाम जुल्फीकार अली शाह खान था।

आज हम आपको अभिनेता से जुड़ा वो किस्सा बताने जा रहे हैं, जब फिरोज खान के एक बयान ने तत्तकालीन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री परवेज़ मुशर्रफ के पैरो तले ज़मीन खिसका दी थी। तब फिरोज खान से खफा होकर उस वक्त के पाकिस्तानी प्रधानमंत्री परवेज़ मुशर्रफ ने हमेशा-हमेशा के लिए पाकिस्तान में एक्टर की एंट्री पर बैन लगा दिया था।

ये बात है साल 2006 की, जब फिरोज खान अपने भाई की फिल्म ‘ताज महल’ को प्रमोट करने के लिए पाकिस्तान गए थे। उस दौरान एक इंटरव्यू के दौरान फिरोज़ खान ने पाकिस्तान के लिए अपशब्द कह दिए थे। तब पाक पीएम मुशर्रफ को जो इंटेलिजेंस रिपोर्ट सौंपी गई थी उसमें कहा गया था कि अभिनेता फिरोज़ खान तब शराब के नशे में थे, उन्होने पाकिस्तान के सिंगर और एंकर फक्र-ए-अलाम की बेइज्जती कर दी थी, साथ ही पाकित्सान के लिए भी कड़े शब्दों में आलोचना की थी।

दरअसल फिरोज़ खान ने तब एक सवाल के जवाब में पूरी बेबाकी के साथ कहा था कि “मैं एक प्राउड इंडियन हूं। भारत एक धर्म-निरपेक्ष देश है। हमारे यहां मुस्लिम भी प्रगति कर रहे हैं जो कि पाकिस्तान में नहीं हैं। हमारे राष्ट्रपति मुस्लिम हैं जबकि प्रधानमंत्री सिख है। पाकिस्तान इस्लाम के नाम पर बना था लेकिन देखिए कैसे यहां मुसलमान ही मुसलमान को मार रहा है।”

फिरोज खान के इस बयान की गूंज पाकिस्तान से लेकर हिन्दुस्तान तक में सुनाई दी। फिरोज खान के इस बयान से जहां हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो गया था वहीं पाकिस्तान के लिए ये बेहद शर्मनाक बात थी। जाहिर सी बात है तत्तकालीन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री परवेज़ मुशर्रफ को भी फिरोज खान के बयान नागवार गुजरा था।

नतीजा ये रहा है कि, परवेज़ मुशर्रफ फौरन आदेश पारित किया और अभिनेता के पाकिस्तान आने पर हमेशा-हमेशा के लिए रोक लगा दी।

आपको बता दें, कि फिरोज खान ने अपने अभिनय कॅरियर की शुरुआत 1960 में बनी फिल्म ‘दीदी’ से की थी।

फिल्मों में अभिनय के बाद उन्होंने निर्देशन की तरफ रुख किया और अपना होम प्रोडक्शन की शुरुआत की। उन्होंने लीक से हट कर फिल्में बनाईं। 70 से 80 के दशक के बीच उनके निर्देशन में बनी ‘धर्मात्मा’  ‘कुर्बानी’ ‘जांबाज’ और ‘दयावान’ जैसी फिल्में फिरोज खान के लिए मील का पत्थर साबित हुई थी। उन्हें आज भी उनके शानदार अभिनय और बेबाक अंदाज़ के लिए याद किया जाता है। 27 अप्रैल 2009 को फिरोज़ खान का निधन फेफड़ों के कैंसर की वजह से हुआ था।

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